Mayawati 7 सीटों के ऑफर पर गुस्साईं, कहा- भ्रम न फैलाए कांग्रेस

रविवार को ही कांग्रेस ने ऐलान किया था कि समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी व आरएलडी के लिए उनकी पार्टी सात सीटें छोड़ रही हैं. ये वो सीटें हैं, जहां से अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव, डिंपल यादव, मायावती या अजित सिंह व जयंत चौधरी चुनावी मैदान में उतरेंगे.

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल हर दिन दिलचस्प मोड़ ले रहा है. महागठबंधन से आउट कांग्रेस की दरियादिली भी बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष Mayawati को रास नहीं आ रही है. उन्होंने साफ कह दिया है कि भारतीय जनता पार्टी को परास्त करने के लिए सपा-बसपा का गठबंधन काफी है, ऐसे में कांग्रेस जबरदस्ती सीट छोड़ने का भ्रम न फैलाए.



बसपा सुप्रीमो का यह सख्त रुख कांग्रेस के उस ऐलान के बाद सामने आया है, जिसमें रविवार को ऐलान किया गया था कि कांग्रेस समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के लिए सात सीटें छोड़ रही हैं. यानी कांग्रेस इन सात सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी. ये वोट सीटे होंगी, जहां से अखिलेश यादव, Mayawati, मुलायम सिंह यादव, डिंपल यादव, चौधरी अजित सिंह व जयंत चौधरी चुनाव लड़ेंगे.

कांग्रेस के इस ऑफर पर ही Mayawati ने सख्त रुख अपनाया है. उन्होंने तस्वीर बिल्कल साफ करते हुए कह दिया कि कांग्रेस से किसी भी प्रकार का गठबंधन व तालमेल नहीं है.

mayawati

Twitter ID – @Mayawati

Mayawati ने ट्वीट कर लिखा, ‘बीएसपी एक बार फिर साफ तौर पर स्पष्ट कर देना चाहती है कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में कांग्रेस पार्टी से हमारा कोई भी किसी भी प्रकार का तालमेल व गठबंधन आदि बिल्कुल भी नहीं है. हमारे लोग कांग्रेस पार्टी द्वारा आये दिन फैलाये जा रहे किस्म-किस्म के भ्रम में कतई ना आयें.’



इसके अलावा Mayawati ने कांग्रेस को यूपी की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने की चुनौती भी दे दी. मायावती ने अपने ट्वीट में लिख दिया कि यूपी में हमारा गठबंधन अकेले बीजेपी को पराजित करने में पूरी तरह से सक्षम है. कांग्रेस जबरदस्ती यूपी में गठबंधन के लिए 7 सीटें छोड़ने की भ्रान्ति ना फैलाये. उन्होंने कहा कि कांग्रेस यूपी में पूरी तरह आजाद है और वह सभी 80 सीटों पर उम्मीदवार उतारकर चुनाव लड़े.

यूपी लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा और आरएलडी मिलकर चुनाव लड़ रही हैं. बसपा 38 और सपा 37 सीटों पर गठबंधन में चुनाव लड़ रही है. जबकि दो सीटें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (अमेठी) व उनकी मां सोनिया गांधी (रायबरेली) के लिए छोड़ी गई हैं. इसके अलावा बाकी बची तीन सीटें आरएलडी को दी गई हैं.

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